आकांक्षापूर्ति और अपेक्षापूर्ति में क्या है फर्क?

क्या है अर्थ, आकांक्षापूर्ति और अपेक्षापूर्ति का? | Meaning of Apeksha Poorti Vs Aakanksha Purti?

आकांक्षापूर्ति और अपेक्षापूर्ति में क्या है अंतर? क्या है शाब्दिक विशेषता अपेक्षा पूर्ति का? क्या है महत्व आकांक्षा पूर्ति का? किसी भी शब्द की विशेषता, उनके अर्थ जानकर ही समझ सकते हैं! हिन्दी में शब्दों की विशेषता, बहुत ही गू होती है, इसलिए कई शब्दों की महत्व को हमे जानने की जरूरत होती है!

Apeksha ka Arth Kya Hai? | Upeksha ka Matlab Kya Hai? | Aakanksha Ka arth Bataiye?

अपेक्षापूर्ति: अपेक्षा+पूर्ती, इन दोनों शब्दों के मिलाप से बनी हुई है अपेक्षापूर्ति, अर्थात् अपेक्षा की परिभाषा जाने बिना हम नहीं जान सकते, अपेक्षापूर्ति का अर्थ! अपेक्षा ( Apeksha ) – का मतलब है उम्मीद और आशा;

कांक्षापूर्ति: आकांक्षा+पूर्ति, आकांक्षा से तात्पर्य है अभिलाषा या इच्छा;

Upeksha ka arth क्या होता है?

उपेक्षा का र्थ है, किसी की अपेक्षा की विपरीत कार्य करना या रियेक्ट करना!

जैसे की तिरस्कार करना, इग्नोर करना इत्यादि;

आकांक्षापूर्ति और अपेक्षापूर्ति

अपेक्षा पे आधारित उदाहरण:

“तुम मेरे अपेक्षा पे खरे नहीं उतरे”

कोई किसी से कुछ बेहतर करने की उम्मीद लगाकर रखता है, और अगर उस दर्जे की रिजल्ट्स नहीं मिलने पर, ऐसा कह सकते हैं की तुम मेरे अपेक्षा ( उम्मीद ) पर खरे ( सही ) नहीं उतरे!

उपेक्षा का उदाहरण:

मैं तुमसे बात करना चाह रहा हूँ, मगर तुम हमारी बार-बार उपेक्षा कर रहे हो!

आकांक्षा पे उदाहरण:

ये हमारी आकांक्षा है की तुम एक दिन बहुत बड़े अफसर बनो!

आकांक्षापूर्ति और अपेक्षापूर्ति का कोट्स, आचार्य महाश्रमण द्वारा क्या है?

आचार्य महाश्रमण के अनुसार – आकांक्षापूर्ति और अपेक्षापूर्ति, दोनों में बड़ा अंतर है!

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