बेरोजगारी पर निबंध 300 शब्दों में लिखें!

बेरोजगारी पर निबंध हिंदी में लिखें! | बेरोजगारी पर निबंध प्रस्तावना कैसे लिखें?

बेरोजगारी पर निबंध pdf in hindi | बेरोजगारी की समस्या पर निबंध pdf, इस आर्टिकल में बेरोजगारी ( Unemployment ) शब्द पर विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है, जिसे छात्र अपने अनुसार कुछ बदलाव के साथ, अपने शिक्षण कार्य क्रम ( TASK ) में उपयोग कर सकते हैं!

बेरोजगारी पर निबंध प्रस्तावना लिखें!

सबसे पहले टाइटल लिख लें, बेरोजगारी पे निबंध!

बेरोजगारी क्या है? | Berojgari Kya Hai?

बेरोजगारी” को संक्षिप्त में कहें, तो रोजगार की कमी के कारण, उनके पास रोजगार ना होना!

जिसे आप अंग्रेजी में [ UN-EMPLOYMENT ] कहते हैं!

किसे बेरोजगार माना जाए? | “बेरोजगारी किसे कहते हैं”

जो न की किसी ORGANIZATION / COMPANY या स्व-व्यवसाय से जुड़े हुए हो, जो रोजगार के इच्छुक तो है पर उनके समक्ष, बेकारी [ कार्य न करना ], निर्धनता ” धन की कमी ” जैसी समस्या है!

Kya Hai, बेरोजगारी के कारण?

“BEROJGARI” देश के सामने एक बड़ी चुनौती है, भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में, बेरोजगारी / बेकारी, निर्धनता और आर्थिक असमानता के कई बाधाएं रही है, जैसे की विभिन्न राज्यों की भौगोलिक परिस्थिति, और साथ ही सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के किर्यान्वयन सही तरीके से धरातल पर नहीं लागू हो पाना, जिसके कारन, आज शैक्षिक असमानता बढ़ी और साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ी! क्यूंकि लोग अनपढ़ थे, वे न तो खुद रोजगार श्रृजन कर पाएंगे, फिर JOB CRISIS की इस चुनौती में, उनके सामने रोजगार की उपलब्धता और आर्थिक असमानता दूर करना, राष्ट्र के लिए एक चुनौती है, जिसके लिए सरकारें प्रयत्नशील है!

BHARAT में बेरोजगारी के दो मुख्य कारक रहे हैं!

  • रोजगार श्रृजन के कम अवसर
  • आय के वितरण में असमानता
बेरोजगारी के प्रकार कितने हैं?

इसके दो अर्थ है, [ a ] श्रम शक्ति [ b ] गैर-श्रम शक्ति;

बेरोजगारी मुख्यतः अनैच्छिक बेरोजगरी को शामिल की जाती है!

जैसे:

( 1.00 ) चक्रीय बेरोजगारी – जब देश में मांग घटती है और सेवाओं की कमी होती है!

( 1.10 ) मौसमी बेरोजगारी – विशेष प्रकार के काम जो मौसम पर आधारित होते हैं! जैसे – AGRICULTURE, TOURIST, HOTELS Etc.

( 1 .20 ) संरच्नातक बेरोजगारी – जब व्यक्ति की योग्यता, कार्य के हिसाब से प्रयाप्त नहीं होती!

( 1 . 30 ) संघर्षात्मक बेरोजगारी – जब व्यक्ति एक रोजगार छोड़कर, दुसरे रोजगार की तलाश करता है!

( 1.40 ) प्राकृतिक बेरोजगारी = संरचनात्मक + संघर्षात्मक बेरोजगारी

( 1.50 ) प्रच्छन्न ( गुप्त ) बेरोजगारी – ऐसे व्यक्ति जो कार्य तो कर रहे हैं पर उनके उत्पादन में कोई योगदान नहीं है, अगर किसी परिवार के 8-10 सदस्य कृषि में काम कर रहे थे, उनमे से 1 – 2 सदस्य, कोई अन्य कार्य में लग गए, वहाँ उन्हें आय प्राप्त हो और यहाँ कृषि उतपादन भी पहले जैसे हो रहा, बिना उनके योगदान के!

अन्य ब्लॉग भी पढ़ें:

भारत में कितने झील हैं और उनके नाम क्या है?

गूगल स्कॉलर क्या है?

गूगल स्कॉलर रिसर्च टॉपिक pdf