Nadi Dosh in Hindi | कुंडली में नाड़ी दोष, क्या है समाधान?

Nadi Dosh in Hindi: क्या होता है नाड़ी दोष? और क्या है ज्योतिष के अनुसार इस दोष का समाधान!

“नाड़ी-दोष:” | Nadi Dosh in Hindi | Naari Dosh | Nari Dosh | Jyotish me Naadi Dosh, सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए, ज्योतिष के अनुसार शादी पूर्व, “वर-वधु” की कुण्डली मिलान आवश्यक होता है! वर और वधु के नाम और जन्म-तिथी, समय उनके जन्म-स्थान अनुसार, उनकी कुंडली बनती है जिसके 36 गुण होते हैं और वर और वधु की शादी के पश्चात सुखी जीवन के लिए कम-से-कम 50% गुणों का मिलान आवश्यक होता है, कुण्डली में नाड़ी दोष होना, शादी के लिए अशुभ मानी जाती है, जिसके गुण 50% से कम मिलान होते हैं उसे ज्योतिष उनके जन्म-नक्षत्र और कुण्डली मिलान करके शादी नहीं करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऐसे में शादी होनेपर दोनों को अनावश्यक कष्टों का सामना करना परता है!

Nadi Dosh: नाड़ी दोष है की नहीं, कैसे समझें?

  • लड़का और लड़की की जन्म-राशी एक हो हो और नक्षत्र अलग-अलग हो, तो नाड़ी दोष नहीं लगेगा!
  • अगर जन्म नक्षत्र एक हों ( वर/वधु का ) और राशी अलग-अलग हो, तो भी नाड़ी-दोष’ नहीं लगेगा!
  • लड़का/ लड़की का जन्म, एक ही नक्षत्र के अलग-अलग चरणों में हुई हो तो भी, कुण्डली में नाड़ी दोष नहीं माना जायेगा!
Nadi Dosh in Hindi | नाड़ी दोष

क्या है नाड़ी दोषों से मुक्ति के उपाय?

अगर शादी के पश्चात, नाड़ी दोष का पता लगने पर, योग्य पंडित ( ज्योतिष स्पेशलिस्ट ) से सम्पर्क करें, और उनसे सलाह लें, इस दोष की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र की जप और दान-पुण्य की सलाह दी जाती है!

प्रश्न नाड़ी दोष से जुड़ी पूछे जाने बाले:

क्या कुण्डली में नाड़ी दोष होने पर, विवाह करना चाहिए?

नहीं

किस तरह समझें कुंडली में नाड़ी दोष है या नहीं?

ज्योतिष आचार्य आपकी कुण्डली मिलानकर बता पायेंगे!

क्या होगा अगर नाड़ी दोष में शादी की जाये?

आर्थिक नुक्सान, समाजिक नुक्सान, तलाक, आकस्मिक दुर्घटना इत्यादि!

कितने प्रकार हैं नाड़ी दोष के?

मुख्यतः 3 चरण हैं आदि ( आद्रा, अश्विनी, पुनर्वसु, हस्त, उत्तरफाल्गुनी, मूल, ज्येष्ठ, शतभिषा व पुरवाभद्रा ), मध्य ( मृगशिरा, पुष्य,भरणी,पूर्वाफाल्गुनी, अनुराधा, चित्रा,पूर्वाषढा, घनिष्ठा व उतराभाद्रप्रदा ) और अंत ( रोहिणी, कृतिका, मघा, स्लेशा, स्वाति, विशाखा, उत्तराषढा, रेवती व श्रवण );

सूचना” ये जानकारी विभिन्न धार्मिक मान्यता द्वारा आप तक पहुंचाई गई है, हमारा मकसद सिर्फ इससे से जुड़ी जानकारी प्रदान करना है न की इससे से जुड़ी हानि-लाभ, आप खुद ही अपना निर्णय लें!

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