How TO Start Mushroom Farming Business in India?

Cost For Start Mushroom Farming Business & Profits in India | हिंदी में मशरुम खेती की डिटेल्स | Composting, Spawning, Casing, Pinning & Harvesting |

A Complete Guide About Mushroom Farming Business, ( मशरुम खेती ), और Profit ( लाभ ) के बारे में इस लेख में दी गयी है! सब्जी के रूप में खुम्ब { मशरुम } दुनिया भर में मशहूर है, मृत कार्बनिक पदार्थ पर उगने बाला [ फंगस ] या [ कबक ] होता है ! इसके द्वारा आचार, घी, सूप पाउडर, और पकौड़े जैसे उत्पाद तयार की जाती है !


“मशरुम की बिज़नस कैसे करें” और कैसे इस को लाभ का जरिया बनाएं ! मशरुम में JIGNITE और Starch की मात्रा कम होती है जो हार्ट Disease और डायबिटीज [ Diabetes ] के रोगियों के लिये, शाकाहारी भोजन के रूप में बहुत ही लाभदायी है!

How TO Start Mushroom Farming Business

मशरुम में पाई जानेबाली, प्रोटीन ( Protin ) , कैल्सियम ( Calcium ), पोटाश ( Potash ), आयरन ( IRON ) और फॉस्फोरस ( Phosphorus ) जैसे मिनरल ( Minerals ), और विटामिन ( Vitamin ) से भरपूर है जो ह्रदय रोगियों के साथ ही बिभिन्न आयुर्वेदिक दबाओं में भी काम आती है!

What is the Cost of 1 UNIT Mushroom ( 1 यूनिट मशरुम खेती में आनेबाली खर्चें बटन मशरुम खेती में )

किशान भाइयों, १ Hutment { झोपड़ी } में SIZE 30 X 60 FEET की बनती है और सारे खर्चें मिलाकर ८० हजार से १००००० रु तक खर्चें आयेगी ! पहले साल आप इसमें ३० से ४० हजार का मुनाफा मिल सकेंगे ली नेक्स्ट [ अगले ] बर्ष से ये आमदनी बढ़ जायेगी और आप १ झोपड़ी से ३० से ६० हजार तक कमा पायेंगे, क्योंकि आप को फिर से झोपड़ी नही बनानी होगी !

Where I CAN SELL Mushroom to Get More Money [ कहां पर उत्पादित मशरुम विक्री करें और कैसे लाभ लें ]

आप अपने आस-पास के जो थोक बाज़ार [ Main Market ] में जाकर इसे बेच पायेंगे या आप Delhi आजादपुर मंडी में भी सप्लाई कर पायेंगे, और वहां से फिर पुरे भारत में सप्लाई की जायेगी !

कहां और कैसे लगाये ये मशरुम फार्म ?

इसके लिये कोई खेती की जमीन जरूरी नहीं होती इसे बंजर भूमि पर, कच्चे घर / बंद घरों में लगाई जा सकती है ! इसलिये ये बिज़नस भूमिहिन् और छोटे किसानों के लिये बहुत लाभदायी है! आप इसे आपके दो फसलों के बागवानी के बिच में करके अतितिक्त आमदनी काजरिया बना सकते हैं!

***मशरुम के सैकरों किस्में है मगर तापमान के भिन्नता के कारन भारत में मुख्यतह ३ किस्में की उत्पादन की जाती है!


[ १ ] “बटन मशरुम” – इसे पुरे साल उगाई जा सकती है किसान भाई इसकी ४ फसल साल भर में ले सकते हैं ! इसके लिये 60 से 90 % की आपेक्षिक आद्रता और 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उगाई जाती है ! उत्तर भारत में नवम्बर से फरबरी के बिच में फसल उगाईजाती है ३ – ३ महीने की दो फसलें ली जा सकती है!

[२} “ढींगरी मशरूम” – को सुखाकर बेचा जाता है इसे 20 से28 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80% से अधिक साफेक्षित आद्रता पर फरबरी से मार्च और सितम्बर से अक्टूबर के बिच में उगाई जाती है!

[३] “दुधिया मशरुम” – कृत्रिम रूप से 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान और ८० से ९० प्रतिशत सापेक्षित आद्रता पर मार्च से अप्रील और सितम्बर से जुलाई के बिच उगाई जाती है!

*पहाड़ी इलाकों के अलाबा मैदानी इलाकों पे भी बड़े पैमानों पर उगाई जाती है बस तापमान और जरूरी आद्रता का ध्यान रखना जरूरी है!

कहां मिलेगा अच्छा बिज मशरुम खेती के लिये / [ Where to find Mushroom Spawn for Agriculture ]

Achhi Paidabar Mushroom ka ho isliye achhi bij honi jaruri hai, ise aap NEW Delhi [ नई दिल्ली ] स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान संस्थान विकास परिषद [ National Horticulture Research and Development Foundation ] से मंग्बा पायेंगे!

कैसे तयार की जाती है मशरुम का बिज ( सीड्स ) ?

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान संस्थान विकास परिषद प्रयोगशाला में अच्छी तरीके से तयार की जाती है, अच्छी और बड़ी दानोबाले गेहूँ की अच्छी से धुलाई करके, 25 से 30 मिनट तक पका लिया जाता है अब पके हुये दानों को छलनी से सान कर आधा घंटा तक सुखा लिया जाता है!


इसमें २ प्रतिशत जिप्सम और आधा प्रतिशत कैल्सियम कार्बोनेट मिलाकर, पैकेट में भर लिया जाता है अब इस भरे हुए पैकेट को निर्जिविक्रण के लिए autoclaveमशीन में १२६ डिग्री सेल्सियस तापमान पर २२ पौंड दबाब के साथ २ घंटो तक रखा जाता है जिसके पश्चात, मशीन सामान्य तापमान आने पर, इन पैकेट को संरोपण कक्ष में अस्थान्तरित कर दिया जाता है!

इसकी नमी बनाए रखने’ के लिए इन्हें वहाँ पर २४ से २५ डिग्री तापमान पर २४ घंटे रखा जाता है!
तत्पश्चात इन पैकेट को लामिनर फ्लो उपकरण द्वारा और अल्ट्रा वोइलेट किरण द्वारा उपचारित किया जाता है इन प्रक्रिया के दौरान फंगस को इन पैकेट में डालकर मदर स्पान तयार कर ली जाती है!

१ पैकेट मास्टर पैकेट से १५ से २० पैकेट spawn तयार की जाती है अब इसे निश्चित तापमान पर उश्मायीं कमरे में रख दी जाती है जहां पर बटन मशरुम का २०-२२ दिन में, तथा ढींगरी और दुधिया मशरुम ७ से १० दिन में तैयार हो जाता है जब कबक जाल पुरे पैकेट में उजले कलर में फ़ैल जानेपर समझ जाना चाहिए ये बिज तयार हो गयी है!

अब इन्हें २० से २५ दिनों तक ४ से ५ डिग्री तापमान पर बिजाई के लिये सुरक्षित रखा जा सकता है !

बटन मशरुम के उत्पादन के लिये कम्पोस्ट [ खाद्द ] की जरूरत परती है इस खाद्द को दो तरह से तयार की जाती है लम्बी अवधि और लघु अवधि !

२००० किलोग्राम खाद्द लम्बी अवधि बाले बनाने के लिए गेहूँ या धान का भूषा=१००० किलोग्राम
मुर्गी की बिट या खाद्द=४०० KG
गेहूँ का चोकर =१०० KG
यूरिया=१४.५ KG

सबसे पहले इन भूसों को पक्के फ़र्स पर फैलाकर पानी छीटें ताकि ये ज्यादा से ज्यादा पानी सोख लें, अब २४ घंटे बाद सारीसामग्रियों को मिला दें, अब इसे ४ दिन ऐसे ही रहने दें! अब ५’ x ५’ का ढेरी लगायें, ढेरी लगाने के ६ दिन पश्चात पलटी करें, दूसरी पलती ढेर की=१० दिन, तीसरी=१३ दिन, चौथी=१६ दिन, पंच्बी पलटाई=१९ दिन, छठी=२२ वे दिन और सातवीं=२५वे दिन, आठवीं २८वे दिन!


खाद्द की ढेरियों के बिच के तापमान को रोज नोट कर लें, जब तापमान ७० से ८० डिग्री पहुंचती है तब भूसे मेंसरन पैदा होती है ये तापमान ढेरी बनाने के २८ घंटे बाद में आ जाना चाहिये, समय अनुसार पानी छिर्काव करती रहनी चाहिये !

लघु अवधि वाले में भी सामग्री लगभग एक जैसे ही लगती है पहले इसे ८ से १० दिन तक बाहर पलटाई की जाती है उसके बाद ८ से १० दिनों तक बंद कमरे में भाप द्वारा कृत्रिम तापमान पर रखा जाता है!

अच्छी खाद्द के गुण – रंग गहरा और भूरा होना चाहिए, खाद्द का ph ७.५० से ७.८० के बिच होना चाहिये, खाद्द में अमोनिया के गंध नहीं आनी चाहिये, खाद्द में पानी ६० से ७० % होनी चाहिये और चिपचिपापन नही होनी चाहिये!

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किसान भाई द्वारा पूछे जाने वाले सवाल मशरुम खेती के लिये :


बटन मशरुम के लिये खाद्द सामग्री किया लगती है और इसे खुद कैसे तयार करें?

इसे तयार करने की दो विधी है दोनों ही विधी में सामग्री एक जैसी ही लगती है, लम्बी अवधि के द्वारा खुद तयार कर सकेंगे इसके लिए ३० दिन लगेंगे और सामग्री २००० किलोग्राम खाद्द लम्बी अवधि बाले बनाने के लिए गेहूँ या धान का भूषा=१००० किलोग्राम, मुर्गी की बिट या खाद्द=४०० KG, गेहूँ का चोकर =१०० KG, यूरिया=१४.५ KG

कैसे तयार की जाती है मशरुम का बिज ( सीड्स ) ?

इसे प्रयोगशाला में निश्चित विधी द्वारा तयार की जाती है!

मशरुम कितने किस्मे पाई जाती है?

इसके सैकरों किस्मे दुनियाभर में पाई जाती है!

भारत में कौन से किस्म की मशरुम खेती कर पायेंगे?

मुख्यतह तीन प्रकार की बटन मशरुम, ढींगरी मशरूम और दुधिया मशरुम

1 यूनिट मशरुम खेती में आनेबाली खर्चें बटन मशरुम खेती में कितने लगेगी ?
लगभग १,००,००० [ १ लाख ] रुपया

1 यूनिट मशरुम खेती के लिए कितनी जगह चाहिये?
30′ x 60′

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